Saturday, March 16, 2013

मस्जिद और खुदा

देखें गालिब का शेर की एक बानगी

शराब पीने दे मस्जि‌द में बैठ्कर,
या वो जगह बता जहाँ खु‌दा नहीं॥

इकबाल का एक शेर क्या कहता है?

मस्जिद खुदा का घर है,
काफिर के घर में जा वहाँ खुदा नहीं॥

फ‌राज‌ की सुनिए -------

काफिर के दिल से आया हूँ..
खुदा मौजूद है वहाँ, उसे पता नहीं ॥।



अब आप ही बताइए कौन सही है कौन गलत..................................
                                 विद्यालय स्तर पर मनाए गए चिंतन दिवस की कोलाज तस्वीर
 प्रचार्य , गुलाब चंद जैसल,  दीपेंद्र सिंह ठाकुर, मानसिंह मीना, शारदा मैड्म, निशा पीर और स्काउट एवं गाइड

माँ तुझे सलाम !!
तेरा दूध पिया माँ मैंने 
तेरी गोद में रोया 
दुःख में सुख तेरा अंचल मैया 
तेरी गोद में सोया |
मर जाना , मिट जाना तुझ हित 
बस मेरा ये काम 
माँ तुझे सलाम !
तेरी मिट्टी में पैदा हैं 
सारे खशो-आम 
माँ तुझे सलाम !!
द्वारा -- गुलाब चन्द जैसल